THE BASIC PRINCIPLES OF SHIV CHALISA IN HINDI

The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi

The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi

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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

Whosoever features incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with love and devotion, enjoys product joy and spiritual bliss On this earth and hereafter ascends on the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminated the struggling of all and grants them eternal bliss.

मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के shiv chalisa lyricsl साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

बृहस्पतिदेव की कथा

पुत्र हीन कर इच्छा shiv chalisa lyricsl कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया

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